हक़
मैं डाँटता हूँ
मुझे डाँटते हो
डाँटता क्यों हूँ?
सिर्फ़ इस लिए की तुम
अकल से हो
साक्षर अर ज़ुबानी हो
की तुम हमपे ही
सवाल करने का
हक़ समझलोगे?
मैं डाँटता हूँ
मुझे डाँटते हो
डाँटता क्यों हूँ?
सिर्फ़ इस लिए की तुम
अकल से हो
साक्षर अर ज़ुबानी हो
की तुम हमपे ही
सवाल करने का
हक़ समझलोगे?