अफ़वाहें
अफ़वाहें अमरीका जैसे मुल्क में भी फैलती हैं
भीड़ वहाँ भी भड़कती
भगदड़ वहाँ भी मचती
ज़िन्दगी के लाले वहाँ भी पड़ते हैं
नफ़रत के नाम पर
क़ातिल क़त्ल भी करते हैं
मौतें वहाँ भी होती है।
मेरे वतन को ही पिछड़ा मति कहो रे
आस की किरण
वहाँ तो जगती है ज़रूर
यहाँ भी अभी जगती है।
अफ़सोस!