हक़
मैं डाँटता हूँ
मुझे डाँटते हो
डाँटता क्यों हूँ?
सिर्फ़ इस लिए की तुम
अकल से हो
साक्षर अर ज़ुबानी हो
की तुम हमपे ही
सवाल करने का
हक़ समझलोगे?
Posted by JPS on September 24, 2017 · Leave a Comment
मैं डाँटता हूँ
मुझे डाँटते हो
डाँटता क्यों हूँ?
सिर्फ़ इस लिए की तुम
अकल से हो
साक्षर अर ज़ुबानी हो
की तुम हमपे ही
सवाल करने का
हक़ समझलोगे?
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