बहरी भीड़

पहिले हिंदू-मुस्लमान में
पूजा औ नमाज़ में
झटके हलाल में
फ़रक समझना
वितकरा करना
बंद कर;
नानक निरंकारी, औ
इलाही नाद, की बात
बाद में करेंगे!

नया धर्म चलाया
मान लिया
पर नाम क्या
और क्यों दिया
कभी समझा क्या?
सिख
पंथ
ख़ालसा
गुरु भी कहा तो उसी
फटे पुराने
पारब्रह्म को
अकाल को!
क्यों?

बाबा नानक से
किताब फोल पूछे थे
“हिंदू बड़ा के मुसल्मानोइ?”
बाबा शुभ अमलों की
बात करत रहे
पर आज
सिख अपनी किताब लिए
उसी बहरी भीड़ में शामिल है!

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